Attract windfall gains with Tara Mantra to Attract Abundance. This Mahavidya Tara Sadhna is a very powerful and effective mantra sadhana. The Tara mantra has the immense power to fulfill the wishes of the sadhak.
The mantra can provide you with any material thing like home, business, land, cars, and anything that you want to manifest into your life.
In the group of the Dash Mahavidyas, Tara comes next to Kali. Tara closely resembles Kali in appearance. And just as Kali, Tara too displays gentle (saumya) or fierce (ugra) aspects.
Tara has a much wider presence outside the Mahavidya periphery, especially in the Tantric traditions of both Hinduism and Tibetan Buddhism.
The Tantra regards Tara as potent as Kali. Tara also figures in Jainism. In Vaishnava lore, Tara was one of the goddesses who fought along with Durga to defeat the thousand-headed Ravana.
She is Tarini, deliverer or savior, one who saves guides, and transports to salvation. Tara is the deity of accomplishments and is often propitiated by business persons for success.
How To Chant the Tara Mantra to Attract Abundance
- यह प्रयोग साधक किसी भी शुभ दिन शुरू कर सकता है.
- साधक को यह प्रयोग रात्री काल में ही संपन्न करना चाहिए.साधक को स्नान कर साधना को शुरू करना चाहिए.
- साधक लाल रंग के वस्त्र को धारण करे तथा लाल रंग के आसन पर बैठे.
- साधक का मुख उत्तर दिशा की तरफ होना चाहिए.साधक प्रथम सदगुरुपूजन करे तथा गुरु मन्त्र का जाप करे.
- इसके बाद साधक गणपति एवं भैरव देव का पंचोपचार पूजन करे.
- अगर साधक पंचोपचार पूजन न कर पाए तो साधक को मानसिक पूजन करना चाहिए.
Tara Dhyanam
ध्यायेत कोटि दिवाकरद्युति निभां बालेन्दु युक् शेखरां रक्ताङ्गी रसनां सुरक्त वसनांपूर्णेन्दु बिम्बाननाम्
पाशं कर्त्रि महाकुशादि दधतीं दोर्भिश्चतुर्भिर्युतां नाना भूषण भूषितां भगवतीं तारां जगत तारिणीं
इस प्रकार ध्यान के बाद साधक देवी के निम्न मन्त्र की २१ माला मन्त्र जाप करे|
साधक यह जाप शक्ति माला, मूंगामाला से या तारा माल्य से करे तो उत्तम है|
अपने समक्ष प्राण प्रतिष्ठित तारा महाविद्या यन्त्र को स्थापित कर लें |
अगर यह कोई भी माला उपलब्ध न हो तो साधक को स्फटिक माला या रुद्राक्ष माला से जाप करना चाहिए|
जाप पूर्ण होने पर साधक मन्त्र जाप को देवी के चरणों में योनीमुद्रा के साथ प्रणाम कर समर्पित कर दे|
ॐ गुह्याति गुह्यगोप्ता त्वं गृहाणाऽस्मत कृतं जपं सिद्धिर्भवतु मे देवि! तत् प्रसादाना महेश्वरी||
साधक यह क्रम तिन दिन तक करे. तीसरे दिन जाप पूर्ण होने पर साधक शहद से इसी मन्त्र की १०८ आहुति अग्नि में समर्पित करे|
इस प्रकार यह प्रयोग ३ दिन में पूर्ण होता है. साधक की धनअभिलाषा की पूर्ति होती है|
Tara Mantra
ॐ श्रीं स्त्रीं महापद्मे पद्मवासिनी द्रव्यसिद्धिं स्त्रीं श्रीं हूं फट
OM SHREENG STREEM MAHAAPADME PADMAVAASINI DRAVYASIDDHIM STREEM SHREENG HUM PHAT