Sudarshan Kavach is an armor of defense for the Sadhak. Sudarshan Chakra is a spinning disc weapon, having 108 serrated edges used by the Hindu god Vishnu or Krishna.
The Sudarshana Chakra is typically illustrated on the right rear hand of the four hands of Vishnu, who also holds a Shankha, a Gada, and the Padma.
In the Mahabharata, Krishna, identified as Vishnu, uses it as a weapon. For example, he beheads Shishupala with the Sudarshana Chakra at the Rajasuya Yagna of Emperor Yudhishthira.
He also uses it during the 14th day of the Mahabharata War to puzzle Duryodhana by summoning Jayadratha in front of Arjuna by hiding the Sun with his chakra.
In the end, the Kauravas get fooled and thus Arjuna avenges the death of his son.
यह सुदर्शन कवच परम अद्भुत है | इस सुदर्शन कवच का उल्लेख भृगु संहिता में किया गया है | इस कवच के श्रवण मात्र से ही साधक के पुण्य शुरू हो जाते हैं |
Sudarshan Chakra Kavach Benefits
- सुदर्शन कवचम्सभी प्रकार के दुष्ट गृह इस के प्रभाव से नष्ट हो जाते हैं |
- सभी चर्म रोग और व्याधियां इस कवच को 7 दिन धारण करने से समाप्त होना शुरू हो जाती हैं |
- इस में निहित मंत्र को तुलसी मूल से अभिमन्त्रित कर ललाट पर तिलक करने से त्रैलोक्य वशीकरण होता है |
- इस कवच का नित्य पाठ करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होना शुरू हो जाती है |
Sudarshan Kavach Meaning
सुदर्शन कवचम्
प्रसीद भगवन् ब्रह्मन् सर्वमन्त्रज्ञ नारद ।
सौदर्शनं तु कवचं पवित्रं ब्रूहि तत्वतः ॥ १॥
praseeda bhagavan brahman sarvamantrajnya naarada .
saudarshanam tu kavacham pavitram broohi tatvatah' .. 1..
Oh Narada who has pleased the God and who knows all Manthras,
Please tell me the “Armour of Sudarshana “ which is divinely pure
नारदः —
श्रुणुश्वेह द्विजश्रेष्ट पवित्रं परमाद्भुतम् ।
सौदर्शनं तु कवचं दृष्टाऽदृष्टार्थ साधकम् ॥ २॥
naaradah' --
shrunushveha dvijashresht'a pavitram paramaadbhutam .
saudarshanam tu kavacham dri'sht'aa'dri'sht'aartha saadhakam .. 2..
Please hear oh great Brahmin the armor of Sudarshana,
Which is pure and greatly wonderful and which is capable of granting you all that you see.
कवचस्यास्य ऋषिर्ब्रह्मा छन्दोनुष्टुप् तथा स्मृतम् ।
सुदर्शन महाविष्णुर्देवता सम्प्रचक्षते ॥ ३॥
kavachasyaasya ri'shirbrahmaa chhandonusht'up tathaa smri'tam .
sudarshana mahaavishnurdevataa samprachakshate .. 3..
The Saint for this armor is Lord Brahma, the meter is Anushtup and meditating,
On the Sudarshana Chakra and this would be illuminated by the God Vishnu
ह्रां बीजं शक्ति रद्रोक्ता ह्रीं क्रों कीलकमिष्यते ।
शिरः सुदर्शनः पातु ललाटं चक्रनायकः ॥ ४॥
hraam beejam shakti radroktaa hreem krom keelakamishyate .
shirah' sudarshanah' paatu lalaat'am chakranaayakah' .. 4..
The root is “Haram”, malice is removed by Goddess Shakthi and the nail is “Hreem, krom”
Let the head be protected by Sudarshana and the forehead by the lord of all wheels.
घ्राणं पातु महादैत्य रिपुरव्यात् दृशौ मम ।
शहस्रारः शृतिं पातु कपोलं देववल्लभः ॥ ५॥
ghraanam paatu mahaadaitya ripuravyaat dri'shau mama .
sahasraarah' shri'tim paatu kapolam devavallabhah' .. 5..
Let the enemy of great Asuras protect my smell as well as sight,
Let the thousand spiked one my hearing and my cheek be protected by the lord of devas.
विश्वात्मा पातु मे वक्त्रं जिह्वां विद्यामयो हरिः ।
कण्ठं पातु महाज्वालः स्कंधौ दिव्यायुधेश्वरः ॥ ६॥
vishvaatmaa paatu me vaktram jihvaam vidyaamayo harih' .
kant'ham paatu mahaajvaalah' skandhau divyaayudheshvarah' .. 6..
Let the universal soul protect my face, let Hari who is full of knowledge protect my tongue,
Let my neck be protected by the greatly lustrous one and shoulder by the divinely wonderful lord.
भुजौ मे पातु विजयी करौ कैटभनाशनः ।
षट्कोण संस्थितः पातु हृदयं धाम मामकम् ॥ ७॥
bhujau me paatu vijayee karau kait'abhanaashanah' .
shat'kona samsthitah' paatu hri'dayam dhaama maamakam .. 7..
Let the victorious one protect my arms and let my hands be protected by the killer of Kaidabha,
Let him who lives in the sextet protect that which houses my heart.
मध्यम् पातु महावीर्यः त्रिनेत्रो नाभिमण्डलम् ।
सर्वयुधमयः पातु कटिं श्रोणिम् महाध्युतिः ॥ ८॥
madhyam paatu mahaaveeryah' trinetro naabhimand'alam .
sarvaayudhamayah' paatu kat'im shronim mahaadhyutih' .. 8..
Let the greatly valorous one protect n my middle, let the three-eyed one in the area surrounding belly.
Let The God armed with all weapons protect my hip and the greatly lustrous one protects my buttocks
सोमसूर्याग्नि नयनः ऊरु पातु च ममकौ ।
गुह्यं पातु महामायः जानुनी तु जगत्पतिः ॥ ९॥
somasooryaagni nayanah' ooru paatu cha mamakau .
guhyam paatu mahaamaayah' jaanunee tu jagatpatih' .. 9..
Let God with sun, moon, and fire as eyes protect my thigh and also all that is mine,
Let the great chanter protect my private organs and let the lord of the universe protect my knee
जङ्घे पातु ममाजस्रं अहिर्बुध्न्यः सुपूजितः ।
गुल्फौ पातु विशुद्धात्मा पादौ परपुरञ्जयः ॥ १०॥
janghe paatu mamaajasram ahirbudhnyah' supoojitah' .
gulphau paatu vishuddhaatmaa paadau parapuranjayah' .. 10..
Let my shanks be protected always by him who is worshipped by Ahirbudanya(Uttara Bhadrapada) devatas, Let my ankle be protected by the pure soul and let the feet be protected by him who won over divine cities.
सकलायुध सम्पूर्णः निखिलाङ्गं सुदर्शनः ।
य इदं कवचं दिव्यम् परमानंद दायिनम् ॥ ११॥
sakalaayudha sampoornah' nikhilaangam sudarshanah' .
ya idam kavacham divyam paramaananda daayinam .. 11..
Oh, Sudashana who I have a complete armory of all weapons in all organs,
This armor just chanted is divine and capable of giving divine joy
सौदर्शनमिदं यो वै सदा शुद्धः पठेन् नरः ।
तस्यार्थ सिद्धिर्विपुला करस्था भवति ध्रुवम् ॥ १२॥
saudarshanamidam yo vai sadaa shuddhah' pat'hen narah' .
tasyaartha siddhirvipulaa karasthaa bhavati dhruvam .. 12..
.If a pure human being reads this prayer to Sudarshana always,
He would get great prosperity and there is no doubt about it.
कूष्माण्ड चण्ड भूताध्याः येच दुष्टाः ग्रहाः स्मृताः ।
लायन्तेऽनिशम् पीताः वर्मणोस्य प्रभावतः ॥ १३॥
kooshmaand'a chand'a bhootaadhyaah' yecha dusht'aah' grahaah' smri'taah' .
palaayante'nisham peetaah' varmanosya prabhaavatah' .. 13..
The ghosts like Kooshmanda and Chanda and the evil planets,
Would be made scared and run away due to the power of this armor.
कुष्टापस्मार गुल्माद्याः व्यादयः कर्महेतुकाः ।
नश्यन्त्येतन् मन्त्रितांबु पानात् सप्त दिनावधि ॥ १४॥
kusht'aapasmaara gulmaadyaah' vyaadayah' karmahetukaah' .
nashyantyetan mantritaambu paanaat sapta dinaavadhi .. 14..
Diseases like leprosy, epilepsy, and sickness of the abdomen which have come due to previous karma,
Would be destroyed if the water over which this mantra is chanted is drunk for seven days.
अनेन मन्त्रिताम्मृत्स्नां तुलसीमूलः संस्थिताम् ।
ललाटे तिलकं कृत्वा मोहयेत् त्रिजगन् नरः ॥ १५॥
anena mantritaammri'tsnaam tulaseemoolah' samsthitaam .
lalaat'e tilakam kri'tvaa mohayet trijagan narah' .. 15..
If over the mud which is at the root of Thulasi, this chant has been chanted several times,
If applied as a Thilaka on the forehead, then that human being can attract all three worlds.
इति श्रीभृगुसंहितोक्त श्रीसुदर्शन कवचम् सम्पूर्णम् ॥
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Another Version of Sudarshan Chakra Kavach
जीवन में समस्त बाधा शांति हेतु सुदर्शन कवच का प्रयोग किया जाता है, इसके अलावा ऊपरी बाधा अलाबला भूत, भूतिनी, यक्षिणी, प्रेतिनी या अन्य किसी भी तरह की ऊपरी विपत्ति में श्री सुदर्शन कवच रक्षा करता है।
यह अद्वितीय तांत्रिक शक्ति से युक्त है, यह सुदर्शन चक्र की भांति इसके पाठक धारणकर्ता की रक्षा करता है।
सीधे हाथ में जल लेकर विनियोग पढ़कर जल भूमि पर छोड़ दें।
ॐ अस्य श्री सुदर्शन कवच माला मंत्रस्य श्री लक्ष्मी नृसिंह: परमात्मा देवता क्षां बीजं ह्रीं शक्ति मम कार्य सिध्यर्थे जपे विनयोग:।
हृदयादि न्यास:-
ॐ क्षां अन्गुष्ठाभ्याम नम: हृदयाय नम:।
ॐ ह्रीं तर्जनीभ्याम नम: शिरसे स्वाहा।
ॐ श्रीं मध्यमाभ्याम नम: शिखायै वषट।
ॐ सहस्रार अनामिकाभ्याम नम:। कवचाय हुम।
ॐ हुं फट कनिष्ठिकाभ्याम नम: नेत्रत्रयाय वौषट।
ॐ स्वाहा करतल कर प्रष्ठाभ्याम नम: अस्त्राय फट।
ध्यान:
उपसमाहे नृसिंह आख्यम ब्रह्म वेदांत गोचरम।
भूयो-लालित संसाराच्चेद हेतुं जगत गुरुम।
पंचोपचार पूजनं:
लं पृथ्वी तत्वात्मकम गंधंम समर्पयामि
हं आकाश तत्वात्मकम पुष्पं समर्पयामि
यं वायु तत्वात्मकम धूपं समर्पयामि
रं अग्नि तत्वात्मकम दीपं समर्पयामि
वं जल तत्वात्मकम नैवेद्यं समर्पयामि
सं सर्व तत्वात्मकम ताम्बूलं समर्पयामि
ॐ सुदर्शने नम:।
ॐ आं ह्रीं क्रों नमो भगवते प्रलय काल महा ज्वाला घोर वीर सुदर्शन नृसिंहाय ॐ महाचक्र राजाय महाबले सहस्रकोटि सूर्यप्रकाशाय सहस्रशीर्षाय सहस्राक्षाय सहस्रपादाय संकर्षणात्मने सहस्रदिव्याश्र सहस्र हस्ताय सर्वतोमुख ज्वलन ज्वाला माला वृताया विस्फुलिंग स्फोट परिस्फोटित ब्रह्माण्ड भानडाय महा पराक्रमाय महोग्र विग्रहाय महावीराय महा विष्णु रुपिणे व्यतीत कालान्तकाय महाभद्र रोद्रावताराय मृत्यु स्वरूपाय किरीट हार केयूर ग्रेवेयक कटक अन्गुलयी कटिसूत्र मजीरादी कनक मणि खचित दिव्य भूषणाय महाभीषणाय महाभिक्षाय व्याहत तेजो रूप निधेय रक्त चंडआंतक मण्डितम दोरु कुंडा दूर निरीक्षणाय प्रत्यक्ष आय ब्रह्म चक्र विष्णु चक्र कल चक्र भूमि चक्र तेजो रूपाय आश्रितरक्षाय
ॐ सुदर्शनाय विद्महे महाज्वालाय धीमहि तन्न: चक्र: प्रचोदयात इति स्वाहा स्वाहा।
ॐ सुदर्शनाय विद्महे महाज्वालाय धीमहि तन्न: चक्र: प्रचोदयात इति स्वाहा स्वाहा भो भो सुदर्शन नारसिंह माम रक्षय रक्षय
ॐ सुदर्शनाय विद्महे महाज्वालाय धीमहि तन्न: चक्र: प्रचोदयात।
ॐ सुदर्शनाय विद्महे महाज्वालाय धीमहि तन्न: चक्र: प्रचोदयात मम शत्रून नाशय नाशय
ॐ सुदर्शनाय विद्महे महाज्वालाय धीमहि तन्न: चक्र: प्रचोदयात।
ॐ सुदर्शनाय विद्महे महाज्वालाय धीमहि तन्न: चक्र: प्रचोदयात! ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल चंड चंड प्रचंड प्रचंड स्फुर प्रस्फुर घोर घोर घोरतर घोरतर चट चट प्रचटं प्रचटं प्रस्फुट दह कहर भग भिन्धि हंधी खट्ट प्रचट फट जहि जहि पय सस प्रलय वा पुरुषाय रं रं नेत्राग्नी रूपाय
ॐ सुदर्शनाय विद्महे महाज्वालाय धीमहि तन्न: चक्र: प्रचोदयात।
ॐ सुदर्शनाय विद्महे महाज्वालाय धीमहि तन्न: चक्र: प्रचोदयात भो भो सुदर्शन नारसिंह माम रक्षय रक्षय
ॐ सुदर्शनाय विद्महे महाज्वालाय धीमहि तन्न: चक्र: प्रचोदयात।
ॐ सुदर्शनाय विद्महे महाज्वालाय धीमहि तन्न: चक्र: प्रचोदयात एहि एहि आगच्छ आगच्छ भूतग्रह प्रेतग्रह पिशाचग्रह दानावग्रह कृत्रिम्ग्रह प्रयोगग्रह आवेशग्रह आगतग्रह अनागतग्रह ब्रह्मग्रह रुद्रग्रह पातालग्रह निराकारग्रह आचार अनाचार ग्रह नन्जाती ग्रह भूचरग्रह खेचर ग्रह
वृक्षग्रह पिक्षी चरग्रह गिरी चरग्रह श्मशान चरग्रह जलचर ग्रह कूप चरग्रह देगारचल ग्रह शुन्यगार चर ग्रह स्वप्न ग्रह दिवा मनोग्रह बालग्रह मूकग्रह मुख ग्रह बधिरग्रह स्त्रीग्रह पुरुषग्रह यक्ष ग्रह राक्षस ग्रह प्रेतग्रह किन्नरग्रह साध्य चर ग्रह सिद्ध चरग्रह कामिनी ग्रह मोहनी ग्रह पद्मिनीग्रह यक्षिणीग्रह पकषिणी ग्रह संध्याग्रह उच्चाटय उच्चाटय भस्मी कुरु कुरु स्वाहा।
ॐ सुदर्शन विद्महे महाज्वालाय धीमहि तन्न: चक्र: प्रचोदयात।
ॐ सुदर्शन विद्महे महाज्वालाय धीमहि तन्न: चक्र: प्रचोदयात।
ॐ क्ष्रां क्ष्रीं क्ष्रूं क्ष्रैं क्ष्रौं क्ष्र:।
भ्रां भ्रीं भ्रूं भ्रैं भ्रौं भ्र:।
ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रैं ह्रौं ह्र:।
घ्रां घ्रीं घ्रूं घ्रैं घ्रौं घ्र:।
श्रां श्रीं श्रूं श्रैं श्रौं श्र:।
ॐ सुदर्शन विद्महे महाज्वालाय धीमहि तन्न: चक्र: प्रचोदयात।
ॐ सुदर्शन विद्महे महाज्वालाय धीमहि तन्न: चक्र: प्रचोदयात। एही एही सालवं संहारय शरभं क्रन्दया विद्रावय विद्रावय भैरव भीषय भीषय प्रत्यांगिरी मर्दय मर्दय चिदंबरम बंधय बंधय विदम्बरम ग्रासय ग्रासय शांर्म्भ्वा निबंतय कालीं दह दह महिषासुरी छेदय छेदय दुष्ट शक्ति निर्मूलय निर्मूलय रूं रूं हूँ हूँ मुरु मुरु परमन्त्र परयन्त्र परतंत्र कटुपरं वादपर जपपर होमपर सहस्र दीप कोटि पुजां भेदय भेदय मारय मारय खंडय खंडय परकृतकं विषं निर्विष कुरु कुरु अग्नि मुख प्रकांड नानाविध कृतं मुख वनमुखं ग्राहान चुर्णय चुर्णय मारी विदारय कुष्मांड वैनायक मारीचगणान भेदय भेदय मन्त्रं परअस्माकं विमोचय विमोचय अक्षिशूल कुक्षीशूल गुल्मशूल पार्श्वशूल सर्वाबाधा निवारय निवारय पांडूरोगं संहारय संहारय विषम ज्वर त्रासय त्रासय एकाहिकं द्वाहिकं त्र्याहिकं चातुर्थिकं पंचाहिकं षष्टज्वर सप्तमज्वर अष्टमज्वर नवमज्वर प्रेतज्वर पिशाचज्वर दानवज्वर महाकालज्वरं दुर्गाज्वरं ब्रह्माविष्णुज्वरं माहेश्वरज्वरं चतु:षष्टि योगिनीज्वरं गन्धर्वज्वरं बेतालज्वरं एतान ज्वरान्न नाशय नाशय दोषं मंथय मंथय दुरित हर हर अन्नत वासुकी तक्षक कालौय पद्म कुलिक कर्कोटक शंख पलाद्य अष्ट नाग कुलानां विषं हन हन खं खं घं घं पाशुपतं नाशय नाशय शिखंडी खंडय खंडय प्रमुख दुष्ट तंत्र स्फोटय स्फोटय भ्रामय भ्रामय महानारायणअस्त्राय पंचाशधरणरूपाय लल लल शरणागत रक्षणाय हूँ हूँ गं वं गं वं शं शं अमृतमूर्तये तुभ्यं नम:
ॐ सुदर्शन विद्महे महा ज्वालाय धीमहि तन्न: चक्र: प्रचोदयात।
ॐ सुदर्शन विद्महे महा ज्वालाय धीमहि तन्न: चक्र: प्रचोदयात भो भो सुदर्शन नारसिंह माम रक्षय रक्षय
ॐ सुदर्शन विद्महे महा ज्वालाय धीमहि तन्न: चक्र: प्रचोदयात।
ॐ सुदर्शन विद्महे महाज्वालाय धीमहि तन्न: चक्र: प्रचोदयात मम सर्वारिष्ट शान्तिं कुरु कुरु सर्वतो रक्ष रक्ष ॐ ह्रीं हूँ फट स्वाहा ॐ क्ष्रोम ह्रीं श्रीं सहस्रार हूँ फट स्वाहा।
om aam' hreem' krom' namo bhagavate
pralayakaalamahaajvaalaaghora-veera-sudarshana-naarasim'haaya om mahaachakraraajaaya
mahaabalaaya sahasrakot'isooryaprakaashaaya sahasrasheershaaya sahasraakshaaya
sahasrapaadaaya sankarshanatmane sahasradivyaastra-sahasrahastaaya
sarvatomukhajvalanajvaalaamaalaavri'taaya visphulingasphot'aparisphot'ita
brahmaand'a bhaand'aaya mahaaparaakramaaya mahogravigrahaaya mahaaveeraaya
mahaavishnuroopine vyateetakaalaantakaaya mahaabhadrarudraavataaraaya
mri'tyusvaroopaaya kireet'a-haara-keyoora-graiveya-kat'akaanguleeya kat'isootra
manjeeraadikanakamanikhachitadivya-bhooshanaaya mahaabheeshanaaya mahaabheekshaaya
vyaahatatejoroopanidhaye rakta chand'aantaka mand'itamadorukund'aadurnireekshanaaya
pratyakshaaya brahmaachakra-vishnuchakra-kaalachakra-bhoomichakra-tejoroopaaya
aashritarakshakaaya .
om sudarshanaaya vidmahe mahaajvaalaaya dheemahi .
tannashchakrah' prachodayaat iti svaahaa svaahaa ..
om sudarshanaaya vidmahe mahaajvaalaaya dheemahi .
tannashchakrah' prachodayaat iti svaahaa svaahaa ..
bho bho sudarshana naarasim'ha maam' rakshaya rakshaya .
om sudarshanaaya vidmahe mahaajvaalaaya dheemahi .
tannashchakrah' prachodayaat..
om sudarshanaaya vidmahe mahaajvaalaaya dheemahi .
tannashchakrah' prachodayaat ..
mama shatroonnaashaya naashaya
om sudarshanaaya vidmahe mahaajvaalaaya dheemahi .
tannashchakrah' prachodayaat ..
om sudarshanaaya vidmahe mahaajvaalaaya dheemahi .
tannashchakrah' prachodayaat ..
jvala jvala prajvala prajvala chand'a chand'a prachand'a prachand'a
sphura prasphura ghora ghora ghoratara ghoratara chat'a chat'a
prachat'a prachat'a prasphut'a daha kahara bhaga bhindhi handhi
khat'at'a prachat'a phat'a jahi jahi paya sasa pralayavaa purushaaya
ram' ram' netraagniroopaaya .
om sudarshanaaya vidmahe mahaajvaalaaya dheemahi .
tannashchakrah' prachodayaat ..
om sudarshanaaya vidmahe mahaajvaalaaya dheemahi .
tannashchakrah' prachodayaat ..
bho bho sudarshana naarasim'ha maam' rakshaya rakshaya .
om sudarshanaaya vidmahe mahaajvaalaaya dheemahi .
tannashchakrah' prachodayaat ..
om sudarshanaaya vidmahe mahaajvaalaaya dheemahi .
tannashchakrah' prachodayaat ..
ehi ehi aagachchha aagachchha
bhootagraha-pretagraha-pishaachagraha daanavagraha
kri'timagraha-prayogagraha-aaveshagraha-aagatagraha-anaagatagraha-
brahmaagraha-rudragraha-paataala-niraakaaragraha-aachaara-anaachaaragraha-
naanaajaatigraha-bhoocharagraha-khecharagraha-vri'kshacharagraha-
peekshicharagraha-giricharagraha-shmashaanacharagraha-
jalacharagraha-koopacharagraha-degaarachalagraha-
shoonyaachaaracharagraha-svapnagraha-divaamanograha-baalagraha-
mookagraha-moorkhagraha-badhiragraha-streegraha-purushagraha-
yakshagraha-raakshasagraha-pretagraha-kinnaragraha-saadhyacharagraha-
siddhacharagraha kaamineegraha-mohineegraha-padmineegraha-yakshineegraha-
pakshineegraha-sandhyaagraha-maargagraha-kalingadevograha-
bhairavagraha-betaalagraha- gandharvagraha pramukhasakaladusht'agraha
raataan aakarshaya aakarshaya aaveshaya d'a d'a t'ha t'ha hyaya vaachaya
dahya bhasmee kuru uchchaat'aya uchchaat'aya .
om sudarshanaaya vidmahe mahaajvaalaaya dheemahi .
tannashchakrah' prachodyaat ..
om sudarshanaaya vidmahe mahaajvaalaaya dheemahi .
tannashchakrah' prachodyaat ..
om kshraam' kshreem' kshroom' kshraim' kshroum' kshrah' .
bhraam' bhreem' bhroom' bhraim' bhraum' bhrah' .
hraam' hreem' hroom' hraim' hroum' hrah' .
ghraam' ghreem' ghrum' ghraim' ghroum' ghrah' .
shraam' shreem' shroom' shraim' shroum' shrah' .
om sudarshanaaya vidmahe mahaajvaalaaya dheemahi .
tannashchakrah' prachodayaat ..
om sudarshanaaya vidmahe mahaajvaalaaya dheemahi .
tannashchakrah' prachodayaat ..
ehi ehi saalavam' sam'haaraya sharabham'
krandayaa vidraavaya vidraavaya bhairava
bheeshaya bheeshaya pratyagiri mardaya mardaya
chidambaram' bandhaya bandhaya
vid'ambaram' graasaya graasaya
shaambhavm' nivartaya kaaleem' daha daha
mahishaasureem' chhedaya chhedaya
dusht'ashakteeh' nirmoolaya nirmoolaya
room' room' hoom' hoom' muru muru
paramantraparayantra-paratantra kat'uparam' vaadupara japapara
homapara sahasradeepakot'ipoojaam' bhedaya bhedaya maaraya maaraya
khand'aya khand'aya
parakartri'kam' visham' nirvisham' kuru kuru
agnimukhaprakaand'a naanaavidhi-kartri'm'mukha
vanamukhagrahaan choornaya choornaya maareem' vidaaraya
kooshmaand'a-vainaayaka-maareechaganaan bhedaya bhedaya
mantraamparasmaankam' vimochaya vimochaya
akshishoola-kukshishoola-gulmashoola-paarshava-shoola-
sarvaabaandhaan nivaaraya nivaaraya paand'urogam' sam'haaraya sam'haaraya
vishamajvaram' traasaya traasaya
ekaahikam' dvaahikam' trayaahikam' chaaturthikam' pangchaahikam'
shasht'ajvaram' saptamajvaram' asht'amajvaram' navamajvaram'
pretajvaram' pishaachajvaram' daanavajvaram' mahaakaalajvaram'
durgaajvaram' brahmaavishnujvaram' maaheshvarajvaram'
chatuh'shasht'eeyogineejvaram' gandharvajvaram' betaalajvaram'
etaan jvaaraannaashaya naashaya dosham' manthaya manthaya
duritam' hara hara
ananta-vaasuki-takshaka-kaaliya-padma-kulika-karkot'aka-
shankhapaalaadyasht'anaagakulaanaam'
visham' hana hana
kham' kham' gham' gham' paashupatam' naashaya naashaya
shikhand'im' khand'aya khand'aya jvaalaamaalineem' nivartaya
sarvendriyaani stambhaya stambhaya khand'aya khand'aya
pramukhadusht'atantram' sphot'aya sphot'aya bhraamaya bhraamaya
mahaanaaraayanaastraaya pangchaashadvarnaroopaaya lala lala
sharanaagatarakshanaaya hum' hoom' gam' va gam' va sham' sham'
apri'tamoortaye tubhyam' namah' .
om sudarshanaaya vidmahe mahaajvaalaaya dheemahi .
tannashchakrah' prachodayaat ..
om sudarshanaaya vidmahe mahaajvaalaaya dheemahi .
tannashchakrah' prachodayaat ..
bho bho sudarshana naarasim'ha maam' rakshaya rakshaya .
om sudarshanaaya vidmahe mahaajvaalaya dheemahi .
tannashchakrah' prachodayaat ..
mama sarvaarisht'ashaantim' kuru kuru sarvato raksha raksha
om hreem' hroom' phat' svaahaa .
om kshraum' hreem' shreem' sahasraara hoom' phat' svaahaa .