The Main Steps in Tara Sadhana are the points that should be kept in mind while doing Tara Mahavidya Sadhna.
Tara means rescuer and is the second of Dasa Mahavidyas.
Mainly Tara is a form of Durga or Parvati. Tara is perceived at its core as the absolute, unquenchable hunger that propels all life. The complexion of Tara is blue and she is also called Neel Saraswati. Tara Sadhna is mainly accomplished to gain knowledge, wisdom, wealth, and totality of life.
Tara Sadhna also provides protection from natural calamities, accidents, and other perils of life. Gurudev tells how to do Mahavidya Tara Sadhna with Shastrokta & Gorakhnath mantra and most importantly secret TIPS.
तारा :
तांत्रिकों की प्रमुख देवी तारा। तारने वाली कहने के कारण माता को तारा भी कहा जाता है। सबसे पहले महर्षि वशिष्ठ ने तारा की आराधना की थी। शत्रुओं का नाश करने वाली सौन्दर्य और रूप ऐश्वर्य की देवी तारा आर्थिक उन्नति और भोग दान और मोक्ष प्रदान करने वाली हैं।
भगवती तारा के तीन स्वरूप हैं : - तारा , एकजटा और नीलसरस्वती।
तारापीठ में देवी सती के नेत्र गिरे थे, इसलिए इस स्थान को नयन तारा भी कहा जाता है। यह पीठ पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला में स्थित है। इसलिए यह स्थान तारापीठ के नाम से विख्यात है। प्राचीन काल में महर्षि वशिष्ठ ने इस स्थान पर देवी तारा की उपासना करके सिद्धियां प्राप्त की थीं। इस मंदिर में वामाखेपा नामक एक साधक ने देवी तारा की साधना करके उनसे सिद्धियां हासिल की थी।
तारा माता के बारे में एक दूसरी कथा है कि वे राजा दक्ष की दूसरी पुत्री थीं। तारा देवी का एक दूसरा मंदिर हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला से लगभग 13 किमी की दूरी पर स्थित शोघी में है। देवी तारा को समर्पित यह मंदिर, तारा पर्वत पर बना हुआ है। तिब्बती बौद्ध धर्म के लिए भी हिन्दू धर्म की देवी 'तारा' का काफी महत्व है।
चैत्र मास की नवमी तिथि और शुक्ल पक्ष के दिन तारा रूपी देवी की साधना करना तंत्र साधकों के लिए सर्वसिद्धिकारक माना गया है। जो भी साधक या भक्त माता की मन से प्रार्धना करता है उसकी कैसी भी मनोकामना हो वह तत्काल ही पूर्ण हो जाती है।
तारा माता का मंत्र :
नीले कांच की माला से बारह माला प्रतिदिन 'ऊँ ह्नीं स्त्रीं हुम फट'
Main Steps in Tara Sadhana
- इस साधना में काली हकीक माला का इस्तेमाल होता है.
- तारा साधना केवल रात्रि को ही हो सकती है. रात्रि का अर्थ 9 बजे से सुबह 4 बजे तक है.
11:37 मिनट से 12:37 मिनट तक मंत्र का जप अनिवार्य है. - मंत्र साधना केवल अकेला साधक ही कर सकता है.
- तेल का दीपक लगाना आवश्यक है.
- अपने समक्ष प्राण प्रतिष्ठित तारा महाविद्या यन्त्र को स्थापित कर लें |
- सफेद आसन और सफेद धोती पहन कर साधना करें. सिला हुआ वस्त्र नहीं पहन सकते.
केवल 14 दिन की साधना है. रोज 51 माला मंत्र जाप करना है..
दक्षिण दिशा की और मुँह करना है. कमरे का दरवाजा थोड़ा खुला रखें |
Tara Mahavidya Shastrokt Mantra
“ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं श्रीं तारायै नमः”
“Om Hreeng Shreeng Kleeng Shreeng Tarayee Namah:”
Gorakhnath Praneet Tara Mantra
“ॐ तारा तूरी स्वाहा।।”
Om Tara Toori Swaha