Lord Krishna gave Shri Ram Mantra to Pandu's son Yudhishthira, and this mantra confers all the desired results.
Yudhishthira recovered his kingdom after doing the ritual of chanting the mantra of this Dashakshari Rama Mantra for 3 months. This mantra is one of the finest mantras and is a secret mantra.
Lord Rama is the seventh and one of the most celebrated avatars of the god Vishnu. In Rama-centric conventions of Hinduism, people consider him the Supreme Being.
Rama was born to Kaushalya and Dasharatha in Ayodhya, the ruler of the Kingdom of Kosala.
His siblings included Lakshmana, Bharata, and Shatrughna. He wedded Sita.
Despite being born into a kingly family, the Hindu texts depict their life as one that encountered unanticipated changes like being forced into exile, facing impoverished and difficult incidents, ethical questions, and moral difficulties.
The mantra gets proven after chanting 10 lakhs of the mantras. Then, they suggest performing a ten percent Yagya. And ten percent of Tarpan, Marjan, and food to the Brahmins. By doing this, the seeker achieves Mantra Siddhi.
Benefits of Shri Ram Mantra Sadhana
- Executing a fire ceremony of this mantra 1008 times with jasmine flowers can appease anyone in this world.
- For wealth, perform Yagya 1008 times with lotus flowers.
- To attract the deities and the whole world, experts recommend performing Homa 1008 times with blue lotus flowers.
- To alleviate the patient's disorders, do the yagya 108 times with Durva and offer the energized water to the patient to get rid of the disease.
- By consuming energized water, a person becomes healthy, intelligent, and successful in life.
- People can use the Rama Mantra in competitive examinations and in sports.
You can chant the Lord Rama mantra with an Energized Sphatik Mala.
Shri Ram Mantra
Hum Janki Vallabhay Swaha
हुं जानकी वल्लभाय स्वाहा |
Audio of Shri Rama Mantra in YouTube
अत्यंत सौभाग्यशाली दुर्लभ भगवान श्रीराम का वो मन्त्र जिससे युधिष्ठिर राजा बनें |
यह मंत्र भगवान् श्री कृष्ण ने पाण्डुपुत्र युधिष्ठिर को दिया था और यह मंत्र सर्व अभीष्ट फलों को प्रदान करने वाला मंत्र है | इस दशाक्षरी राम के मंत्र जप का विधान 3 महीनें करने के पश्चात् युधिष्ठिर को अपना राज्य पुनः प्राप्त हुआ था |
यह मंत्र एक सर्वश्रेष्ठ मंत्र है और गोपनीय है | इस राम के मंत्र के पुश्चरण में 10 लाख मन्त्र जप का विधान है | मंत्र के दशांश का होम , होम के दशांश का तर्पण, मार्जन व् ब्राह्मण को भोजन कराया जाता है | ऐसा करने से मंत्र सिद्धि को प्राप्त होता है |
- चमेली के पुष्पों से 1008 बार हवन करने से किसी को भी वश में किया जा सकता है |
- धन सम्पदा के लिए कमल के पुष्पों से 1008 बार यज्ञ करे |
- देवी देवताओं और सारे संसार का वशीकरण करने के लिए नील कमल के पुष्पों से 1008 बार होम करे |
- पीड़ित रोगी को रोगों से मुक्ति के लिए दूर्वा से 108 बार होम करे और अभिमंत्रित जल उस रोगी को पिलाने से रोग मुक्ति होती है |
- अभिमंत्रित जल के सेवन से व्यक्ति आरोग्यवान, बुद्दिमान और जीवन में सफल होता है |
10 अक्षरी राम मंत्र प्रयोग
शारदातिलक के अनुसार यह दसाक्षरी राम मंत्र है। इसका विधान निम्नानुसार है:
विनियोग
अस्य मंत्रस्य वसिष्ठ ऋषिः । विराट् छन्दः । सीतापाणिपरिग्रहे श्रीरामो देवता। हुं बीजम् । स्वाहा शक्तिः । चतुर्विधपुरुषार्थसिद्धये जपे विनियोगः ।
ऋष्यादिन्यास
ॐ वशिष्ठऋषये नमः शिरसि ॥
विराट्छन्दसे नमः मुखे ॥
सीतापाणिपरिग्रहे श्रीरामदेवतायै नमः हृदि ॥
हुं बीजाय नमः गुह्ये॥
स्वाहा शक्तये नमः पादयोः ॥
विनियोगाय नमः सर्वाङ्गे।
करन्यास
ॐ क्लीं अंगुष्ठाभ्यां नमः ॥
ॐ क्लीं तर्जनीभ्यां नमः ॥
ॐ क्लीं मध्यमाभ्यां नमः ॥
ॐ क्लीं अनामिकाभ्यां नमः ॥
ॐ क्लीं कनिष्ठिकाभ्यां नमः ॥
ॐ क्लीं करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः ॥
हृदयादि सारे षडंगन्यास करने चाहिए।