Garbh Raksha Mantra is a noteworthy mantra to protect the womb or the fetus. The mantra thoroughly helps to get a healthy baby. The Shabar mantra also guarantees smooth and normal delivery of the baby. The Raksha mantra also guards the mother against all contingencies.
Before using this mantra, it is crucial to ascertain this mantra. This Shabar Mantra can be proved by chanting 1008 times during an eclipse period, or on the night of Hanuman Jayanti, Dussehra, or Diwali. It is more promising if the Mantric can chant the mantra in a sacred river.
How To Use Garbh Raksha Mantra
The ceremony of this mantra is for 11 days. This ritual is concluded in 11 days by regularly chanting one rosary with the Energized Haldi Mala. It is always advantageous to place Putra Prapti Yantra in the place of worship.
After fulfillment of the ritual, make a raw thread of the yarn spun by a spinster girl by putting nine knots in it. The thread can now be fastened to the waist of a pregnant woman after chanting 51 times by the Siddha Mantra. Keep in mind that the name of the pregnant woman must be added in the place of 'Amukee' in the mantra.
After wearing the thread, the couple should present some food to a Brahmin or deliver it to a Shiva temple nearby. Both husband and wife should be ethical and serve and pray to their Isht deity with true reverence for a healthy child.
Garbh Raksha Mantra
om namo aadesh guru ka hanumant veer gambheer
dhooje dharatee bandhaave dheere baandh baandh hanumanta veer
maas ek baandhoo, maas doi baandhoo,
maas teen baandhoo, maas chaar baandhoo,
maas paanch baandhoo, maas chhah baandhoo,
maas saat baandhoo, maas aath baandhoo,
maas nau baandhoo (amukee) ka garbh gire nahin,
thaanh rahe, thaanh ka thaanh na rahe, mera baandha bandh chhoote,
to eeshvar mahaadev gorakhanaath jatee hanumantaveer laajen,
meree bhakti guru kee shakti, phuro mantr eeshvaron vaacha
गर्भ रक्षा का मन्त्र
ॐ नमो आदेश गुरु का हनुमन्त वीर गंभीर
धूजे धरती बंधावे धीरे बांध बांध हनुमन्ता वीर
मास एक बांधू, मास दोइ बांधू,
मास तीन बांधू, मास चार बांधू,
मास पांच बांधू, मास छः बांधू,
मास सात बांधू, मास आठ बांधू,
मास नौ बांधू (अमुकी) का गर्भ गिरे नहीं,
ठांह रहे, ठांह का ठांह न रहे, मेरा बांधा बंध छूटे,
तो ईश्वर महादेव गोरखनाथ जती हनुमन्तवीर लाजें,
मेरी भक्ति गुरु की शक्ति, फुरो मन्त्र ईश्वरों वाचा ।
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उक्त मन्त्र का प्रयोग करने से पूर्व, इस मन्त्र को सिद्ध करना आवश्यक होता है। ग्रहण काल में पवित्र नदी में स्नान कर, वहीं कटी मात्र जल में खड़े हो कर ग्रहण लगने के समय से लेकर लेकर मोक्ष काल पर्यन्त, तन्मय होकर मन्त्र का जप करने, अथवा हनुमान जयन्ती या दीवाली की रात में 108 बार मन्त्र जपने से मन्त्र सिद्ध होता है।
इस मंत्र का अनुष्ठान 11 दिनों का है | प्राण प्रतिष्ठित हल्दी माला से एक माला नित्य जप करने से 11 दिनों में यह अनुष्ठान सम्पूर्ण हो जाता है |
कन्या द्वारा करते गये कच्चे धागे में नौ गांडे लगाकर एक गंडा बनाए और इसे सिद्ध मन्त्र द्वारा अभिमन्त्रित करके गर्भवती स्त्री के कटि में बधवायें और ध्यान रहे कि अभिमन्त्रण करते समय मन्त्र के रिक्त स्थान में गर्भवती स्त्री का नाम अवश्य जोड़ लेना चाहिए । गण्डे का अभिमन्त्रण 51 बार मन्त्र पढ़कर करना चाहिए। गण्डे को धूपित करना भी आवश्यक है।
गर्भवती गण्डा धारण करने के बाद एक उत्तम सीधा बनाकर किसी गरीब को दें अथवा शिव मन्दिर में अर्पित करें। पुत्र या पुत्री के दीर्घायु, बुद्धिमान और ऐश्वर्य शाली होने के लिए पति-पत्नी दोनों सदाचार-मय रहें और सत्य-श्रद्धा से अपने इष्टदेवता की सेवा और प्रार्थना करें।