Rog Nashak Mantra is a mighty Hanuman Mantra to get rid of incurable diseases. The Hanuman mantra is eighteen-lettered. The mantra is a Karya Siddhi mantra. The mantric of this mantra accumulates divine capabilities to crack many aspects of spiritual as well as material life.
Lord Hanuman is the embodiment of Lord Shiva.
Lord Hanuman is swift as mind, has a speed equal to the wind God, and has complete control of his senses, the son of the wind god, the one who is the chief of the Vanara army, is the messenger of Rama, is the repository of incomparable strength, is the destroyer of forces of demons and liberates from dangers.
Hanuman Rog Nashak Mantra Benefits
The seeker should vocalize this mantra 10,000 times. After that, participants shall conduct ten percent of the Yagya with sesame seeds. Keep the senses under control. Eat only once at night. The seeker who chants this mantra 108 times for only three days gets freed of minor diseases within three days. The seeker retrieves the perfect health.
The Hanuman mantra can also be used to release ghosts, phantoms, demons, etc. But to get rid of fatal and long-term diseases, it is crucial to chant 1000 numbers of mantras every day.
Fantasizing the 'friendship of Rama with Sugriva and meditating on Kapishwar', chanting this mantra in several 10,000 helps in a treaty with the enemies.
The sadhak who chants this mantra ten thousand while envisioning 'Kapishvara burning Lanka', the houses of his enemies, are spontaneously burnt.
The seeker who travels while chanting this mantra, visualizing Hanuman Ji at the time of the journey, returns home safely soon after completing his expected work.
By always glorifying Hanuman Ji in his house and chanting this mantra, the person's life and prosperity continuously increase, and all disorders are automatically destroyed.
The chanting of this mantra shields the seeker from predatory animals and smugglers. Not only this, but by chanting this mantra while sleeping, there is security from thieves and the nightmare.
The effects of the mantra get multiplied if an energized Hanuman Idol or Hanuman Yantra is inducted at the location of worship.
Rog Nashak Mantra Hanuman Mantra
नमो भगवते आञ्जनेयाय महाबलाय स्वाहा ॥
विनियोग
अस्य श्रीहनुमन्मन्त्रस्य ईश्वरऋषिरनुष्टुप् छन्दः हनुमान् देवता हुं बीजं स्वाहा शक्तिरात्मनोऽभीष्टसिद्ध्यर्थं जपे विनियोगः ।
षडङ्गन्यास विधि
ॐ आञ्जनेयाय हृदयाय नमः |
रुद्रमूर्तये शिरसे स्वाहा |
वायुपुत्राय शिखायै वषट् |
अग्निगर्भाय कवचाय हुम् |
रामदूताय नेत्रत्रयाय वौषट् |
ब्रह्मास्त्रविनिवारणाय अस्त्राय फट् ॥
ध्यान
दहनतप्तसुवर्णसमप्रभं भयहरं हृदये विहिताञ्जलिम् ।
श्रवणकुण्डलशोभिमुखाम्बुजं नमतवानरराजमिहाद्भुतम् ॥
रोग नाशक हनुमान मंत्र असाध्य रोगों से मुक्ति दिलाने वाला एक शक्तिशाली हनुमान मंत्र है। यह अठारह अक्षरों वाला हनुमान मंत्र है और एक कार्य सिद्धि मंत्र है। इस मंत्र का साधक आध्यात्मिक और भौतिक जीवन के कई पहलुओं को समझने की दिव्य क्षमताओं को संचित करता है।
हनुमान भगवान शिव का अवतार हैं। भगवान हनुमान मन के समान तेज़ हैं, उनकी गति पवन देवता के समान है, और उनकी इंद्रियों पर उनका पूरा नियंत्रण है, हनुमान पवन देवता के पुत्र हैं, वानर सेना के प्रमुख हैं, राम के दूत हैं, अतुलनीय शक्ति का भंडार हैं, राक्षसों की शक्तियों के विनाशक और आपदाओं से मुक्ति दिलाने वाले देवता हैं।
अब उक्त मन्त्र का ध्यान कहते हैं मैं तपाये गये सुवर्ण के समान, जगमगाते हुये, भय को दूर करने वाले, हृदय पर अञ्जलि बांधे हुये, कानों में लटकते कुण्डलों से शोभायमान मुख कमल वाले, अद्भुत स्वरूप वाले वानरराज को प्रणाम करता हूँ ॥
पुरश्चरण - इस मन्त्र का १० हजार जप करना चाहिए । तदनन्तर तिलों से उसका दशांश होम करना चाहिए । वैष्णव पीठ पर कपीश्वर का पूजन करना चाहिए। इन्द्रियों को वश में रखे । केवल रात्रि में भोजन करे ।
जो साधक व्यवधान रहित मात्र तीन दिन तक उस 108 की संख्या में इस मन्त्र का जप करता है दह तीन दिन में ही क्षुद्र रोगों से छुटकारा पा जाता है ।
भूत, प्रेत एवं पिशाच आदि को दूर करने के लिए भी उक्त मन्त्र का प्रयोग करना चाहिए । किन्तु असाध्य एवं दीर्घकालीन रोगों से मुक्ति पाने के लिए प्रतिदिन एक हजार की संख्या में जप आवश्यक है॥
नियमित एक समय हविष्यान्न भोजन करते हुये जो साधक राक्षस समूह को नष्ट करते हुये कपीश्वर का ध्यान कर प्रतिदिन 10 हजार की संख्या में जप करता है वह शीघ्र ही शत्रु पर विजय प्राप्त कर लेता है ॥
सुग्रीव के साथ राम की मित्रता कराते हुये कपीश्वर का ध्यान करते हुये इस मन्त्र का 10 हजार की संख्या में जप करने से शत्रुओं के साथ सन्धि करायी जा सकती है ॥
लंकादहन करते हुये कपीश्वर का ध्यान करते हुये जो साधक इस मन्त्र का दश हजार जप करता है, उसके शत्रुओं के घर अनायास जल जाते हैं ।
जो साधक यात्रा के समय हनुमान् जी का ध्यान कर इस मन्त्र का जप करता हुआ यात्रा करता है वह अपना अभीष्ट कार्य पूर्ण कर शीघ्र ही घर लौट आता है ॥
जो व्यक्ति अपने घर में सदैव हनुमान् जी की पूजा करता है और इस मन्त्र का जप करता है उसकी आयु और संपत्ति नित्य बढ़ती रहती है तथा समस्त उपद्रव अपने आप नष्ट हो जाते है ॥
इस मन्त्र के जप से साधक की व्याघ्रादि हिंसक जन्तुओं से तथा तस्करादि उपद्रवी तत्वों से रक्षा होती है । इतना ही नहीं सोते समय इस मन्त्र के जप से चोरों से रक्षा तो होती रहती ही है| दुःस्वप्न भी दिखाई नहीं देते ॥
रोग निवारण मंत्र
ओम नमो भगवते आञ्जनेयाय महाबलाय स्वाहा |
Another Version of Rog Mukti Hanuman Mantra
रोग निवारण मंत्र
ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय सर्वशत्रुसंहरणाय
सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा |
Om Namo Hanumathe, Rudravatharaya, sarva sathru samharanaaya
Sarva roga haraaya, sarva vaseekaranaaya, Rama Dhoothaaya swaha