Experiences Tara Mahavidya is an article revealing the experiences of sadhak while doing Tara Mahavidya sadhana. The article also explains the feelings and sights after a particular day that a sadhak can face while doing the sadhana.
The Tantra regards Tara as potent as Kali. Tara also figures in Jainism. In Vaishnava lore, Tara was one of the goddesses who fought along with Durga to defeat the thousand-headed Ravana.
She is Tarini, deliverer or savior, one who saves guides, and transports to salvation. Tara is the deity of accomplishments and is often propitiated by business persons for success.
क्या क्या अनुभव होते हैं कैसे मालूम पड़ेगा कि साधना सिद्ध हुई | दूसरे या तीसरे दिन आवाजे आने लगेंगी जैसे कोई स्त्री बोल रही हो फुसफुसाहट कर रही हो | ऐसा लगेगा कि कमरे में कोई और है|
अदृश्य रूप में होती ही है तारा मगर आप उसको देख नहीं पाएंगे | वो लगेगा कि कमरे में आई है और कमरे मे खड़ी है या उसकी आवाज़ आ रही है या साँस धुनि सुनाई दे रही है |
Experiences Tara Mahavidya After Days
Tara Mahavidya Experience After 2nd Day
दूसरे या तीसरे दिन ऐसा लग जाएगा ऐसा हो तब भी आप मंत्र जप करते रहें | आसन से उठे नहीं और डरें नहीं | चौथे और पांचवे दिन ऐसा लगेगा कि कमरे में कोई चल रहा है | बराबर उसके पांव की आवाज आ रही है |
उस समय भी आपको व्याकुल या चिंतित होने की जरूरत नहीं है | ऐसा लगेगा कि कोई सुगंध आ रही है | कोई पास आ के बैठा है |ऐसा लगेगा कि उसका घुटना आपके घुटने से स्पर्श हुआ है | कोई पास आ के बैठा है |
Tara Mahavidya Experience After 11th Day
ग्याहरवें या बारहवें दिन ऐसा लगेगा कि अंधेरे में बिम्ब जैसी स्त्री दिखाई देगी और छाया दिखाई देगी | अगले दिन लगभग प्रत्यक्ष दिखाई देनी लगेगी नारी रूप में | षोडश वर्षीय बालिका के रूप में | लाल वस्त्र धारण किए हुए| गहने पहने हुए |
आपके पास आ कर के बैठी हुई है | ऐसा ही तारा का रूप है | त्रिपुरा सुंदरी रूप है त्रिपुरा सुंदरी का मतलब है | पूरे संसार में ऐसा किसी का रूप या यौवन नहीं है | वो बैठी है तो कोई बात नहीं | मंत्र जप आपका चलता रहना चाहिए | बीच में माला छोड़ेंगे नहीं | पूरी 51 माला करेंगे |
Tara Mahavidya Danger After 14 Day
और 15 वे दिन वो प्रत्यक्ष होगी | और वो सवाल करेगी कि तुमने मेरी साधना की है | मुझे बुलाया है बताइए क्या कार्य है |उस समय आप कोई जवाब नहीं दें | आप पहले माला पूरी करिए | “खतरा”आपको बाहरवें से पन्द्रहवें दिन के बीच में है |
जब माला पूरी हो जाए तो आप बोलें कि भगवती तारा आप मेरे जीवन में निरन्तर रहें | निरन्तर मुझे स्वर्ण धन और धान्य प्रदान करते रहें | और पूरे जीवन में पूर्णता प्रदान करें | इस मंत्र के द्वारा जब भी मैं आपको याद करूँ तब आप मेरा कार्य अवश्य करें |
और वो तथास्तु बोल कर अदृश्य हो जाएगी | जब वो बोलें और आप सुनें तो आप समझ लीजिये कि आपकी साधना सफल हो गयी है |