Benefits of Urvashi Shabar Mantra Sadhana | ND Shrimali

Benefits of Urvashi Shabar Mantra Sadhana - ND Shrimali

📅 Sep 13th, 2021

By Vishesh Narayan

Summary This article illustrates the Benefits of Urvashi Shabar Mantra Sadhana. Urvashi is an entity that only binds with love and spiritual affection. The heart of Urvashi can be won only by a competent person.


Can A Sadhak get the desired offspring from Urvashi? This article illustrates the Benefits of Urvashi Shabar Mantra Sadhana. Urvashi is a masterpiece of beauty and is the goddess of gods.

Urvashi is excellent in dance, poetry, and music. Urvashi is a goddess who establishes the divine and spiritual relationship of life with a seeker. And only a competent person can manifest her.

This Urvashi Apsara Sadhana Mantra was composed by Vishwamitra himself and with this Shabar Mantra, Vishwamitra directly revealed Apsara Urvashi. Using this Shabar mantra, Shankaracharya and Gorakhnath also manifested the Urvashi.

Urvashi is an entity which only binds with love and spiritual affection. The heart of Urvashi can be won only by a competent person and with authentic mantras.

उर्वशी सौंदर्य की एक श्रेष्ठ्तम कृति है जो देवताओं की कानिनी है | उर्वशी नृत्य, काव्य और संगीत में उत्तम है | उर्वशी एक देवी हैं जो साधक से प्राणों का सम्बन्ध स्थापित करती है | और केवल कोई पौरुषवान व्यक्ति ही उसका प्रत्यक्षीकरण कर पाता है |

इस शाबर मंत्र की रचना स्वयं विश्वामित्र ने की थी और इसी शाबर मंत्र से ही विश्वामित्र नें उर्वशी को प्रत्यक्ष किया था | इसी शाबर मंत्र का प्रयोग कर शंकराचार्य और गोरखनाथ ने भी उर्वशी को सिद्ध किया |

उर्वशी दो प्राणों का पूर्ण संबंध है |उर्वशी कोई बंधन नहीं है | उर्वशी को हृदय से जीता जा सकता है |उर्वशी को मन्त्रों को द्वारा जीता जा सकता है | उर्वशी को सदैव अपने पास रखने के लिए साधक में बल और पौरुष होना आवश्यक है |

Benefits of Urvashi Shabar Mantra Sadhana

There are eight benefits of Urvashi practice, which sage Vishwamitra had revealed in his practice.

  • With Shabar Urvashi Sadhana, you can manifest the Apsara Urvashi.
  • You can attain perfect health by Shabar Urvashi Sadhana.
  • Shabar Urvashi can convert a sadhak into a competent and brave person.
  • Pleasure and entertainment can be attained by Shabar Urvashi Sadhana.
  • Wealth and incomparable wealth can be obtained by Shabar Urvashi Sadhana.
  • A sadhak can be a connoisseur in the field of poetry, music, and dance.
  • You can get all the material comforts of the world by Shabar Urvashi Sadhana.
  • Sadhak can get the desired offspring under certain privileged conditions.

शाबर उर्वशी साधना के लाभ क्या है ?

उर्वशी साधना के आठ लाभ हैं, जो विश्वामित्र ने उस साधना में बताएं है |

  • शाबर उर्वशी साधना से आप एक विशेष उर्वशी को अपने अधीन बना सकते हैं |
  • शाबर उर्वशी साधना के द्वारा अपने जीवन को पुष्टि दी जा सकती है |
  • शाबर उर्वशी साधना से पौरुषवान बना जा सकता है |
  • शाबर उर्वशी साधना से सुख और मनोरंजन प्राप्त किया जा सकता है |
  • शाबर उर्वशी साधना से धन और अतुल्नीय धन प्राप्त किया जा सकता है |
  • शाबर उर्वशी साधना से काव्य, संगीत और नृत्य से ही प्रस्फुटित होते हैं |
  • शाबर उर्वशी साधना से संसार का सारा भोग आप उसी के द्वारा प्राप्त कर सकते हैं |
  • शाबर उर्वशी साधना से मनवाँछित संतान प्राप्त की जा सकती है |

Any householder and ascetic can perform this practice. This practice can be done only on Holi festival days. Urvashi sadhana is pure and spiritual practice. There are many Yogis and Sadhaka that enjoy the Urvashi Apsara Sadhana Experience.

It is mandatory to chant 101 Mala. Chanting can be done with Energized Hakik Mala or Energized Sphatik Mala in front of Urvashi Apsara Yantra.

गृहस्थ और सन्यासी कोई भी साधक इस साधना को संपन्न कर सकता है | यह साधना केवल होली के दिनों में ही की जा सकती है | यह साधना शुद्ध और सात्विक साधना है | 101 माला जाप करना अनिवार्य है | हकीक माला या स्फटिक माला से जाप किया जा सकता है |

This practice of Urvashi Apsara Sadhana can only begin in Holashtak. This is an eight-day practice. If you want, you can do spiritual practice for eight consecutive days, and if you want to do the sadhana in Holashtak for 1 day and rest you can do the spiritual practice on any 7 days of the year. The sadhana must be accomplished in a year.

इस साधना का प्रारम्भ केवल होलाष्टक में हो सकता है | यह आठ दिनों की साधना है | आप एक माला होलाष्टक में कर बाकी की साधना किसी भी वर्ष के समय में कर सकते हैं | आप चाहे तो लगातार आठ दिनों तक साधना संपन्न कर सकता है और चाहे तो 1 दिन होलाष्टक में साधना कर के बाकी साधना वर्ष के किसी भी 7 दिनों में कर सकता है |

A Sadhak has to chant 101 Mala of Urvashi Mantra for continuous eight days. This sadhana can be performed at night. In Holashtak, day and night are also called night. Therefore, if you practice in Holashtak, you can do the sadhana during the day also. Apart from Holashtak, if you want to do spiritual practice, you can do spiritual practice only at night.

आठ दिनों तक 101 माल मंत्र जप करना है | यह रात्रि की साधना है | होलाष्टक में दिन और रात्रि को भी रात्रि ही कहा गया है | इसलिए अगर आप होलाष्टक में साधना करें तो आप दिन में भी साधना कर सकते हैं | होलाष्टक के अलावा साधना करनी हो तो केवल रात्रि में ही साधना की जा सकती है |

In this sadhana, there should be a picture of Urvashi and Urvashi Yantra. If you start a sadhana in Holashtak and perform the remaining sadhana other than Holashtak, then the spiritual practice should be done within 1 year. While doing Urvashi Apsara sadhana, face north or east. The Sadhak should use perfume while performing the sadhana. A lamp of pure cow ghee should be lit. And the perfume should also be mixed with ghee.

इस साधना में सामने उर्वशी का चित्र होना चाहिए और उर्वशी यन्त्र होना चाहिए | अगर आप होलाष्टक में साधना केवल प्रारम्भ करते हैं तो 1 साल के भीतर साधना हो जानी चाहिए | साधना करते समय उत्तर की और मुहं हो | या पूर्व की और मुहं हो | साधना करते समय इत्र का प्रयोग अनिवार्य है | सामने गाय के शुद्ध घी का दीपक जलना चाहिए | और घी में इत्र मिला देना चाहिए |

There is no need for Yajna, Marjana, and Tarpana in this practice. Urvashi is manifested by this spiritual practice. During this practice, you cannot talk to any man or woman. No business or job can be done. 101 rosaries should be completed at night.

इस साधना में यज्ञ, मार्जन और तर्पण की कोई आवश्यकता नहीं है | इस साधना से उर्वशी सिद्ध होती ही है | इस साधना के दौरान आप किसी भी पुरुष या स्त्री से वार्तालाप नहीं कर सकते | कोई भी व्यापर या नौकरी नहीं कर सकते | रात्रि को १०१ माला पूर्ण हो जानी चाहिए | दिन को आप विश्राम कर सकते हैं | भोजन कर सकते हैं |

There are not many restrictions in Shabar Sadhana. When Urvashi is visible in front of you, all you have to say to her is “Bharaya Rupen Bhavati”. When she says “Tathastu”, then spiritual practice is said to be completed.

शाबर साधना में कोई ज्यादा बंधन नहीं होते है | जब उर्वशी आपके सामने प्रत्यक्ष हो तो आपको उसको सिर्फ यही कहना है की “भार्या रूपेण भवति” | जब वो आपको तथास्तु कह दे तो साधना संपन्न हो जाती है | (

शाबर उर्वशी साधना दो प्रकार से की जा सकती है |

  1. होलाष्टक में प्रारम्भ कर 8 दिनों में 101 माला मंत्र जप नित्य करना |
  2. होलाष्टक में प्रारम्भ कर 1 दिन 101 माला मंत्र जप करना और बाकि वर्ष भर में 7 दिन में 101 माला नित्य साधना को संपन्न करना |
    Urvashi Sadhana Viniyoga:

उर्वशी साधना विनियोग:

om asya: shree urvashee mantrasya vishvaamitra rishi: brahma: chhandha: urvashee bharya: mam abheesht kaarya siddhayarthe jape viniyogah:

ॐ अस्य: श्री उर्वशी मन्त्रस्य विश्वामित्र ऋषि: ब्रह्मा: छंद: उर्वशी भार्या: मम अभीष्ट कार्य सिद्धयर्थे जपे विनियोग:

Shabar Urvashi Apsara Mantra

ॐ ह्रीं ऐं उर्वशी देवी चित्तं सुखं भार्या आगच्छ आगच्छ स्वाहा |

Om Hreem Aing Urvashi Devi Chhittam Sukham Bharya Aagach Aagach Swaha

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