Mantra for Stock Market Success is a wonderful mantra for gaining profits from the stock exchange. The mantra is also used to win in gambling, lottery, and any other online financial trading.
The mantra is famous as the 'Vyapar Lakshmi Mantra'. It belongs to the Garudvahini form of Mahalakshmi, which provides financial success and removes all obstacles in business.
In Indian art, people portray Lakshmi as an elegantly dressed, prosperity-showering golden-colored woman with an owl as her vehicle. This symbolizes the importance of economic activity in maintaining life, and her ability to move, work, and prevail in confusing darkness.
How To Chant The Mantra for Stock Market Success
- You should start the mantra at an auspicious time on Friday night.
- First of all, spread some rice on a silver or bronze plate.
- Place coconut on it after bathing with water.
- Worship the coconut by writing 'Shri' seed with white sandalwood on top of that coconut.
- Offer white flowers and sweets on that coconut.
- Then, chant the Mahalakshmi mantra 108 times in front of it daily with Energized Kamal Gatta Mala.
- The ghee lamp must remain burning as long as the Sadhak chants the given mantra.
- Sadhak should wear white clothes during the Sadhana period and sit on a white seat.
- Take one meal at a time during the Sadhana period.
- Chant 1250 rosaries of this mantra, Anushthan, in 40 days.
- After that, give 1008 sacrifices with this mantra. Use Kamal Gatta and Ghee as the Havan Samagri.
If the Sadhak does not want to do this as a ritual, then he can chant 1 mala of the mantra daily for a year. At the end of the year, feed a Brahmin. Donate Bali, rice, Geeta, etc. to that Brahmin. By doing this, the seeker gets the desired Lakshmi, business success, and fulfillment in financial terms.
Mantra for Stock Market Success
Aing Shreem MahaLakshmayae Kamaldharinyae Garudvahinayae Shreem Aing Namah:
यह मंत्र अत्यन्त ही श्रेष्ठ मंत्र है, इस मंत्र के जप को किसी शुक्रवार से प्रारम्भ करना चाहिए।
सबसे पहले किसी चांदी अथवा कांसे की थाली में सवा पाव चावल बिछाकर उस पर नारियल का एक गोला जल से स्नान कराकर रख दें, उस गोले के उपर श्वेत चन्दन से 'श्रीं' बीज लिखकर गोले की पूजा करें।
उस गोले पर सफेद फूल चढ़ावें और दूध से बने प्रसाद का भोग लगावें। इसके बाद वह थाली और उसमें रखे हुए चावल यथावत् रहने दें और नित्य उसके सामने 108 बार निम्नलिखित महालक्ष्मी मंत्र का जप करें।
साधक जब तक दिए गए मंत्र का जप करें, तब तक घी का दीपक अवश्य जलता रहना चाहिए। साधक साधना काल में श्वेत वस्त्र धारण करें, श्वेत आसन पर बैठें, 'कमलगट्टे की माला' से जप करें और एक समय भोजन करें।
यदि साधक अनुष्ठान के रूप में इस का प्रयोग करना चाहें तो निम्न की 1250 मालाएं अर्थात् या मंत्र जाप करें और चालीस दिन में यह अनुष्ठान सम्पन्न कर लें। इसके बाद कमलगट्टे के बीज से 108 आहुतियाँ इसी मंत्र से दें।
यदि साधक अनुष्ठान के रूप में इस की नहीं करें, तो नित्य एक माला फेरें और इस प्रकार एक वर्ष पर्यन्त करें। वर्ष के अन्त में किसी एक ब्राह्मण को भोजन करावें और वह बाली, चावल, गीता आदि उस ब्राह्मण को दान कर दें।
ऐसा करने पर साधक को मनोवांछित लक्ष्मी की प्राप्ति होती है, व्यापार में उत्रति होने लगती है तथा आर्थिक दृष्टि से पूर्णता और प्राप्त होती है।
ऐं श्रीं महालक्ष्म्यै कमलधरिण्यै गरुड़वाहिन्यै श्रीं ऐं नमः ।
यह मंत्र अत्यन्त श्रेष्ठ और व्यापार वृद्धि में विशेष रूप में गया है।
दूसरे रूप में उसको व्यापार लक्ष्मी मंत्र' भी कहते हैं। अतः नहीं हो रहा हो या व्यापार में बाधाएं आ रही हों या व्यापार में आर्थिक क नहीं हो रही हो, तो यह मंत्र और इसका अनुष्ठान विशेष रूप से लाभदायक होता है।